मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक साल तीन महीने तक सरकार चलाने के बाद शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन कमलनाथ के इस्तीफे के बाद अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। उनके इस्तीफे के साथ ही भाजपा के लिए सरकार बनाने का दावा पेश करने का रास्ता साफ हो गया है। 5 पॉइंट में जानिए, मध्यप्रदेश में अब आगे क्या होेने वाला है?
1. भाजपा सरकार बनाने की तैयारी करेगी
कमलनाथ के इस्तीफे के बाद अब दो स्थितियां होंगी। पहली- राज्यपाल मौजूदा स्थिति में सबसे बड़े दल भाजपा से सरकार बनाने का दावा पेश करने को कह सकते हैं। भाजपा इसे स्वीकार कर सरकार बना सकती है। दूसरी- राज्यपाल के कहने से पहले ही भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। वह विधायकों की दोबारा परेड करा सकती है और समर्थन पत्र सौंप सकती है।
2. सरकार बनाने के बाद भाजपा को बहुमत साबित करना होगा
भाजपा सरकार बना लेती है, तब भी उसे विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा। पिछले साल महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद उद्धव ठाकरे ने विधायकों के समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद भी उन्हें विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ा, जिसमें वे जीत गए। कर्नाटक में भी 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा बनी। राज्यपाल ने सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाया और येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने। 6 दिन बाद ही येदियुरप्पा ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया।